DXN RG GL Capsules Benefits【DXN RG-GL के फायदे】कीमत, Pv

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शरीर की असली सुंदरता और स्वास्थ्य बाहर से नहीं बल्कि अंदर से आती है और यह तभी संभव है जब आपके शरीर का हर एक अंग सही तरीके से फंक्शन करें, हजारों सालों पुरानी ऐसी औषधियाँ है जो इंसान को नया जीवन देने का काम करती थी, आज के समय में ऐसी ही एक औषधि है, जो हमें सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है और वह है “गैनोडर्मा”।

Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर, आज हां बात करने जा रहे है, DXN RG-GL के बारे में, यह क्या है? इसके क्या फायदे है? और हर किसी को इसका प्रयोग क्यों करना चाहिए, उम्मीद करता हूँ आपको यह पसंद आएगा।

आज के समय में भले कितनी भी सतर्कता रखी जाए हम कहीं न कहीं, खाने-पीने की ऐसी चीजों के चक्कर में पड़ जाते है जो कि स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।

हमारे शरीर का पाचन तंत्र, यदि सुचारु रूप से काम कर रहा है तो सब कुछ ठीक चलता है।

DXN RG GL क्या है? –

DXN RG GL Capsules Benefits In Hindi
DXN RG GL Capsules Benefits In Hindi

DXN RG-GL, डीएक्सएन कंपनी का एक प्रोडक्ट है, यह कंपनी के सबसे महत्वपूर्ण उत्पादों में से एक है, जो इस कंपनी की पहचान है।

आरजी-जीएल मुख्यतः गैनोडर्मा से बनाया जाता है, गैनोडर्मा एक तरह का खास लाल मशरूम है, जो कि 6 प्रकार के मशरूम को मिलकर बनाया गया है, जिनमें खास तरह के औषधीय गुण पाए जाते जाते है।

इसके औषधीय गुणों के कारण ही गैनोडर्मा को “जड़ी बूटियों का राजा” कहा जाता है, इसका सम्पूर्ण स्वास्थ्य लाभ आरजी-जीएल कैप्सूल के माध्यम से लिया जा सकता है।

आरजी-जीएल को बनाने के लिए, सबसे पहले बड़े-बड़े फार्म हाउस में गैनोडर्मा की खेती की जाती है, मशरूम के तैयार होने के बाद इसके जड़ वाले भाग और ऊपरी तने वाले भाग को अलग करके बारीक पीस लिया जाता है।

अगले चरण में इसी पाउडर के माध्यम से आरजी-जीएल कैप्सूल बनाए जाते है, जिसमें जड़ वाले भाग से और ऊपरी तने वाले भाग से कैप्सूल का निर्माण किया जाता है।

आरजी-जीएल कैप्सूल में गैनोडर्मा के अलावा और कोई भी तत्व या प्रिजरवेटिव नहीं मिलाया जाता है, यह पूरी तरह नैचुरल और आयुर्वेदिक है।

RG GL कैसे काम करता है?

हमारा शरीर कोशिकाओं से मिलकर बना है, बहुत सी कोशिकाएं मिलकर ऊतक बनाती है, इन ऊतकों से मिलकर अंग बनते है, अंगों के मिलने से अंगतंत्र बनता है और अंगतंत्र से शरीर का निर्माण होता है।

हम जानते है कि…

कोशिकाएं स्वस्थ तो – शरीर स्वस्थ,
कोशिकाएं बीमार तो – शरीर बीमार,
कोशिकाओं की मृत्यु तो – शरीर की मृत्यु

जब भी हम इस कैप्सूल का सेवन करते है, इसका प्रभाव कोशिका पर होता है और इस तरह इसका प्रभाव किसी अंग विशेष पर न होकर पूरे शरीर पर होता है।

जब आप इसका सेवन करते है तो शरीर में बालों से जुड़ी कोई समस्या है या पाचन से संबंधित कोई समस्या है या आपके पैर में कोई सालों पुरानी दिक्कत है, ये सभी समस्याएं ठीक हो जाती है।

जिस प्रकार हमें कोई भी समस्या दिखाई देती है तो उसके शुरुआती स्तर पर हमें कुछ लक्षण दिखाई देते है, यदि इसको इग्नोर करते है तो हमारा शरीर उससे लड़ता रहता है।

एक सीमा के बाद जब हमारा शरीर उस समस्या से लड़ पाने में असमर्थ हो जाता है तो हमें वह बीमारी या किसी समस्या के रूप में सामने आता है, जब भी किसी के शरीर में ये हो रहा हो तो तुरंत नहीं हो जाता बल्कि इसे होने में कुछ दिन या महीने लगते है।

उसी प्रकार जब हम आरजी-जीएल का सेवन करते है, तो इससे शरीर के ठीक होने का भी एक प्रोसेस है जिसमें स्वाभिविक रूप से टाइम लगता है।

जितना ज्यादा आपके शरीर में कोशिकाओं की क्षति हुई होगी उतना ही ज्यादा टाइम लगता है, आमतौर पर यह समय 3 महीने से लेकर 3 साल तक होता है।

गैनोडर्मा शरीर में जाने के बाद सबसे पहला कार्य स्कैनिंग का करती हैं, सर्वप्रथम कोशिकाओं में पहुँचकर यह तलाश करना कि वहाँ किस रोग के जीवाणु है, कौन सी कोशिका कमजोर है, उनमें क्या दूषित पदार्थ पड़े है? जिनको बाहर निकालना है, शरीर की स्थिति के अनुसार यह कार्य पूरा होने में 2 दिन से लेकर 30 दिन लग जाते है।

स्कैनिंग का कार्य पूर्ण होने के बाद, क्लीनिंग का चरण होता है, इसमें कोशिकाओं से जीवाणु व दूषित पदार्थ को बाहर निकालने का कार्य प्रारम्भ होता है।

इस प्रक्रिया के दौरान जल में घुलनशील जीव विषों का निष्कासन पसीने या मूत्र के द्वारा होता है, जल में अघुनशील जीवविषों का निष्कासन मल, मूत्र और पसीने से होता है।

क्लीनिंग के बाद तंत्र व अवयवों को संतुलित करने का कार्य प्रारम्भ होता है, अलग-अलग अंग तंत्रों के बीच सामंजस्य स्थापित होता है और इस चरण में हम रोग मुक्त होकर स्वस्थ्य जीवन की ओर जाते है।

क्लीनिंग की प्रक्रिया के बाद टूटी-फूटी हुई कोशिकाओं को पुनः ठीक करने का कार्य इस क्रम में आता है, इसमें शरीर के अंगों की हीलिंग, दुर्घटना आदि में नष्ट हुई कोशिकाओं की मरम्मत का कार्य इत्यादि होता है।

अंत में, DXN गैनोडर्मा का अन्तिम कार्य नये कोशों के पुनर्जीवन का होता है जो वृद्धत्व को पीछे ले जाकर, नवयौवन प्रदान करता है और इस प्रक्रिय में 1 से लेकर 3 वर्ष तक का समय लगता है।

आरजी-जीएल के सेवन दौरान आपको धैर्य रखने की जरूरत होती है, समय-समय पर अपने स्पॉन्सर से संपर्क करते रहे और उन्हें लक्षणों के बारे में सूचित करते रहें।

स्कैनिंग (Scaning)1-30 दिन
क्लीनिंग (Detozification)1 से 30 हफ्ते
बैलेंसिंग (Regulating)1 से 12 महीने
बिल्डिंग (Building)6 से 24 महीने
रिजनरेशन (Regeneration)1 से 3 वर्ष

DXN RG GL Capsules Benefits In Hindi –

1. यह शरीर के समस्त कोषों को तन्दुरूस्त कर नवजीवन प्रदान करती है, इसका सेवन रोजाना करने से लम्बी आयु व उत्तम तन्दुरूस्ती मिलती है।

2. गैनोडर्मा शारीरिक, मानसिक, आध्यामित्क एवं सामाजिक तन्दुरूस्ती प्रदान करती है, शरीर को सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है।

4. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर सभी रोगों के उपचार में सहायता करती है।

5. जीवन के प्रथम दिन से अन्त समय तक ली जा सकती है, प्रत्येक उम्र के लोग सेवन कर सकते है।

6. यह किसी भी प्रकार के विजातीय द्रव्य (Non Toxic) व कोई भी कुप्रभाव (Side Efect) न करने वाली जड़ी-बूटी है।

7. इसका असर शरीर के किसी एक अंग या ऊतक तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शरीर में सम्पूर्ण कोशिकाओं तक पहुँचकर सम्पूर्ण शरीर को सन्तुलन प्रदान करती है।

इसके इन्हीं फ़ायदों के कारण जापान में इसे सरकार द्वारा कैन्सर की प्राथमिक औषधि घोषित किया गया है।

8. यह कोई दवा (DRUG) नहीं है, अपितु इसकी गिनती हाई थैरेपैठिक वैल्यू रखने वाली पूरक पोषाहार में की गयी है। किसी भी चिकित्सा पद्धति के विरूद्ध नहीं है। अर्थात् किसी भी.

9. किसी भी चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ इसका सेवन भी किया जा सकता है और इसके लाभ स्वतः ही सभी दवा छुड़ा देने में समर्थ है, यह किसी भी चिकित्सा पद्धित की दवा को मदद करता है।

10. पिछले अनेक वर्षों में मेडिसिन एवं वैज्ञानिक अनुसांधन रिपोर्ट्स के अनुसार यह सिद्ध किया जा चुका है कि इसे लेने से किसी को भी कोई नुकसान नहीं होता, अपितु लाभ ही होते है।

11. वृद्ध लोगों को ज्यादा सक्रिय व ऊर्जावान रहने में मदद करता है, बच्चों की चंचलता में वृद्धि करता है, भविष्य में किसी रोग को पनपने नहीं देता है।

12. DXN गैनोडर्मा, अन्य चिकित्सा पद्यति के दुष्प्रभावों को कम करने की ताकत रखता है।

आरजी-जीएल यूज करने की मात्रा और विधि –

स्वस्थ और अस्वस्थ दोनों ही अवस्थाओं में आमतौर पर 1 जोड़ा (1 RG + 1 GL) प्रतिदिन से शुरुआत की जाती है, तथा 1 जोड़ा हर सप्ताह बढ़ दिया जाता है।

आरजी-जीएल को सेवन करने का एक प्रचलित फार्मूला है, 1-2-3-4-5 इसके अनुसार –

सप्ताहमात्रासुबहदोपहरशामप्रतिदिन
1st1 Pair1RG+1GL1RG+1GL
2nd2 Pair1RG+1GL1RG+1GL2RG+2GL
3rd3 Pair1RG+1GL1RG+1GL1RG+1GL3RG+3GL
4th4 Pair2RG+2GL2RG+2GL4RG+4GL
5th5 Pair2RG+2GL2RG+2GL2RG+2GL6RG+6GL
6th6 Pair3RG+3GL3RG+3GL6RG+6GL

ऊपर बताई गई ये सभी मात्राएं, जोड़े (Pair) में है, जिस मात्रा में सुधारवादी प्रक्रिया महसूस हो, उस मात्रा को स्वस्थ होने तक लेते रहें।

इसके बाद प्रतिदिन 1 जोड़ा (1RG+1GL) सुबह और 1 जोड़ा (1RG+1GL) शाम को मेंटेनेंस के लिए लेते रहना चाहिए।

आरजी-जीएल की मात्रा उम्र के अनुसार निर्धारित की गई है, एक वर्ष की उम्र तक केवल 1 GL, अर्थात 1/2 कैप्सूल सुबह और 1/2 कैप्सूल शाम को प्रीतिदिन।

कैप्सूल को खोलकर आधी मात्रा को निकालकर उचित माध्यम यानि शहद, दूध या पानी में दें।

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Summary –

तो दोस्तों, DXN RG GL कैप्सूल के बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताए नीचे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से, यदि आपके पास इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव हो तो उसे भी लिखना न भूलें, धन्यवाद 🙂

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